मंगलवार, 14 दिसंबर 2010

देहरादुन का दरिंदा



देहरादुन से तेरह तारीख को एक ऐसी हत्या की घटना की खबर आयी जिसने लोगों के रोंगटे खड़े कर दिये।मामला पति द्वारा पत्नि की हत्या का था। लेकिन ऐसा नहीं है कि ये घटना आश्चर्यजनक थी इस मामले का सबसे आश्चर्यजनक पहलू यह रहा कि पति ने पत्नि की हत्या कर उसके बहत्तर टुकड़े कर दिये और लाश के टुकड़ों को दो महीने तक घर के अंदर हीं डीप फ्रिजर में ड़ाल कर रखा ।

कातिल राजेश पेशे से साफ्टवेयर इंजिनियर है।राजेश अनुपमा से दिल्ली में मिला यहीं दोनों के बीच प्यार हो गया । राजेश और अनुपमा ने ग्यारह साल पहले प्रेमविवाह कर लिया।शादी के बाद राजेश और अनुपमा अमेरिका चले गये जहॉ राजेश को एक साफ्टवेयर कंपनी में नौकरी मिल गयी थी। अमेरिका में राजेश ने एक घर भी खरीद लिया था। जहॉ अनुपमा और राजेश साथ रहने लगे। यहीं अनुपमा ने जुड़वा बच्चे को जन्म दिया।अनुपमा और राजेश के बीच कभी-कभी झड़प इस बात को लेकर हो जाती क्योंकि अनुपमा यहाँ नौकरी करना चाहती थी। यह बात राजेश को पसंद नहीं थी।

अचानक मंदी का दौर आया और राजेश की नौकरी चली गयी। फिर हालात ने पलटा खाया और राजेश को अमेरिका से अपना घर बेचकर वापिस आना पड़ा। यहां वापिस आकर राजेश देहरादुन में रहने लगा । अनुपमा यहाँ भी राजेश के साथ रहती थी। लेकिन राजेश और अनुपमा के बीच अब भी नहीं बनती थी। अचानक राजेश की प्रेम कहानी के बारे अनुपमा को पता चल गया। ऱाजेश की प्रेमिका कोलकता की रहने वाली थी। इस बात का खुलासा राजेश गुलाटी के घर से मिले उसके लैपटाप और सेलफोन से हुआ। अनुपमा और राजेश अब अलग-अलग रहने लगे।

चार-चार महीने तक दोनों एक दुसरे से मिलते भी नहीं थे। फिर दोनों के बीच चल रही लड़ाई कोर्ट तक पहुँच गई । कोर्ट ने बीस हजार रुपऐ हर महीने अनुपमा को देने की बात कही, जिससे वो घर का खर्च चला सके।

लेकिन राजेश का कहना है की अनुपमा उनके उपर और पैसे के लिए दबाब बनाती रहती थी । इसी दबाब के चलते एक दिन दोनों के बीच झड़प हो गयी और राजेश ने अनुपमा को धक्का दे दिया। जिसमें अनुपमा का सर टकरा गया और उसकी मौत हो गई। उसने लाश को दो दिनों तक बाथरूम में रखा लेकिन जब लाश से गंध आने लगी तो वह मार्केट से डीप फ्रीजर ले आया और उसमें अनुपमा की लाश के बहत्तर टुकड़े करके उसमें डाल दिये। वह अनुपमा की लाश के टुकड़े को धीरे-धीरे ठिकाने लगाने लगा।

अनुपमा के घर वाले जब अनुपमा के सेल फोन पर फोन करते या संदेश भेजते तो व्यस्त होने की बात राजेश मैसेज के द्वारा अनुपमा के घर वालों को बताकर गुमराह करता रहा। लेकिन जब अनुपमा के घर वालों को राजेश की बात पर यकीन नहीं हुआ तब अनुपमा का भाई देहरादुन आया और पुलिस के साथ राजेश के घर पर पहुँचा।जहाँ राजेश ने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबुल कर लिया।

पुलिस वालों को राजेश के घर की तालाशी में लैपटॉप और सेलफोन मिला। जिससे यह पता चल पाया कि राजेश ने अपनी पत्नि की मौत का यह घिनौना खेल हॉलीवुड की फिल्म साइलेन्स आफ द लैंबस की तर्ज पर इस घटना को अंजाम दे दिया। अगर राजेश एक अनपढ़ आदमी होता तो उसकी इस वहसियाना हरकत पर शायद ज्यादा सोचने की जरुरत नहीं पडती।

राजेश की इस हरकत से यह तो पता चल हीं गया कि वह किसी मानसिक रोग का शिकार है या फिर वह अपनी प्रेमिका की वजह से अनुपमा को रास्ते से हटा दिया। क्योंकि एक शादीशुदा जीवन जी रहा राजेश पुलिस के मुताबिक अपनी प्रेमिका को ई-मेल और एसएमएस भेजा करता था। ऐसी दरिंदगी भरे काम को एक पढे लिखे और संभ्रांत आदमी द्वारा अंजाम दिया गया कि मानवता इसकी इस करतूत से तार-तार हो गई। ऐसे करतूतों को अंजाम देने वाला यह सख्स नरपिशाच हीं है, जिसकी इस करतूत ने मानवता को हिला कर रख दिया।अब पुलिस इस नरपिशाच को हिरासत में लेकर उससे अनुपमा के शरीर के उन टुकड़ों की खोज कर रही है जो इस दरिंदे ने जंगल के अलग-अलग हिस्सों में गड्डे में फेंक दिया।खैर इस वहसी दरिंदे ने जो कुछ किया उसके लिए उसे सजा तो कोर्ट देगी लेकिन मानवता का गला घोंटने वाले इस दरिंदे को उसकी इस वहसीपने की सजा समाज हमेशा देता रहेगा।

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