गुरुवार, 16 दिसंबर 2010

सुप्रीम कोर्ट का सीबीआई एवं ईडी को निर्देश




सुप्रीम कोर्ट ने आज टेलीकॉम घोटाले में सीबीआई एवं ईडी को कुछ आवश्यक दिशा निर्देश दिये हैं। सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम घोटाला मामले की जाँच अपनी निगरानी में कराने की घोषणा की। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई एवं ईडी को यह निर्देश दिया की वो बिना किसी दबाब के टेलिकॉम घोटाला मामले की जाँच करे,और रिपोर्ट सीधे सुप्रीम

कोर्ट बंद लिफाफे में पेश करे।सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा की टेलिकाम घोटाले में सीबीआई एवं ईडी 2001-07 तक की पूरी टेलिकॉम प्रक्रिया की जाँच करे, और इस में की गई हेराफेरी की पूरी रिपोर्ट तैयार करे।

सुप्रीम कोर्ट की दखलअंदाजी के बाद हीं पूरा मामला प्रकाश में आया था। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में पहले हीं केन्द्र सरकार को फटकार लगा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने तो पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि भ्रष्टाचार का इससे बड़ा उदाहरण कुछ हो हीं नहीं सकता। इस मामले पर केन्द्र सरकार को कड़ा रूख अपनाना चाहिए, लेकिन समझ में नहीं आता कि सरकार इस मामले में अभी तक चुप क्यूँ है। सुप्रीम कोर्ट की इस फटकार के बाद हीं ए राजा ने इस्तीफा दिया और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई।

आज सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में सीबीआई एवं ईडी को यह कहा कि वह दबाबमुक्त होकर इस मामले की जाँच करे, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जाँच की पूरी कार्यवाही

उसकी निगरानी में होगी और 10 फरवरी तक इसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जाये। सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम घोटाला मामले की पूरी रिपोर्ट फरवरी 2011 तक पेश करने का निर्देश भी सीबीआई एवं ईडी को दिया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि सुप्रीम कोर्ट का भरोसा सरकारी मशिनरी से उठ गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई एवं ईडी को ये निर्देश दिया की अगर 2001 से कोई एफआईआर दर्ज न हो तो आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाये।ताकि 2001 से मामले की जाँच हो पाये।

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई एवं ईडी को यहाँ तक निर्देश दे डाला कि कंपनियों के टेलिकॉम लाइसेंस की भी जाँच हो और साथ हीं साथ सीबीआई एवं ईडी यह भी जाँच करे कि इन कंपनियों को टेलिकॉम लाइसेंस के लिए सरकारी बैंकों ने कर्ज का आवंटन किस आधार पर किया गया है। सरकारी बैंकों के कर्ज आवंटन प्रक्रिया की भी पूरी जाँच होनी चाहिए,

और साथ हीं कर्ज नीति की भी समीक्षा की जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई एवं ईडी को यहाँ तक कहा कि टेलिकॉम घोटाला मामले में डाँट एवं ट्रे की भूमिका की जाँच होनी चाहिए और साथ हीं साथ टेलिकॉम अधिकारियों की भूमिका की भी रिपोर्ट तैयार करे।

सुप्रीम कोर्ट अब सरकार के भरोसे नहीं बैठना चाहती सरकार के लेट लतिफ फैसले को उच्चतम न्यायालय ने अपने से सुलझाने की कवायद शुरू कर दी है।फिर भी केन्द्र में बैठे राजनेता चाहे वो सत्ता पक्ष के हों या विपक्ष के एक दुसरे के उपर छींटाकसी करते रहे है। लेकिन सरकार इस मामले में कोई सार्थक पहल नहीं कर पायी । विपक्ष ने इस मुद्दे पर संसद का शीतकालिन सत्र नहीं चलने दिया। विपक्ष इस मुद्दे पर जेपीसी की माँग पर आज भी अड़ा है।

लेकिन पक्ष और विपक्ष दोनों हीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर दोनों भले हीं एकमत रखते हों लेकिन अंदर हीं अंदर पक्ष और विपक्ष दोनों के पसीने छुटते साफ पता चलता है।

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