ऐसा देश है मेरा के माध्यम से मैं आप तमाम पाठक से जुड़ने की भरपुर कोशिश कर रहा हूँ चूँकि मैं इस जगत में आपका नया साथी हूँ इसलिए आशा करता हूँ कलम के जरिये उभरे मेरे भावना के पुष्पों को जो मैं आपके हवाले करता हूँ उस पर अपनी प्रतिक्रिया के उपहार मुझे उपहार स्वरूप जरूर वापस करेंगे ताकि मैं आपके लिए कुछ बेहतर लिख सकूँ। ..................................आपकी टिप्पणियों की प्रतीक्षा में ...........................................आपका दोस्त """गंगेश"""
गुरुवार, 9 फ़रवरी 2012
संबंधों पर विचार करें
आओ अपने संबंधों पर विचार करें
थोड़ा तकरार और ज्यादा प्यार करें
खामोशी भी बेवजह नहीं होती
आओ खामोश रह कर इजहार करें
हम और तुम दोनों ही जानते हैं
कि तकरार से प्यार बढ़ता है
आओ इस सच्चाई को दोनों स्वीकार करें
प्यार कम न हो तेरे और मेरे दरम्यां
इसलिए आओ हम मीठी सी तकरार करें
शून्य से शुरू कर और अनन्त तक पहुंचकर
आओ हम तुम खुशियों का व्यापार करें
जिंदगी में हर कदम पर
उलझनें क्यूं होंगी खड़ी
आओ मिलकर खड़ी प्रेम की दीवार करें
पथिक हैं हम तुम पथविहीन रास्तों के
चलो पथनिर्माण की कला का विस्तार करें
जो हमसे तुमसे दुनियां कुछ सीख पाए
आओ अपनी लेखनी से ऐसा प्रेम का श्रृंगार करें
रंग में रंग डाले संबंधों को रंगरेज की तरह
आओ हम तुम मिलकर प्रेम का
आलिंगन पुन: स्वीकार करें
हम बहक जाएं कभी जो राह से बेराह हों
तुम मुझे समझा दो कि
हम किस तरह व्यवहार करें
जो हमें और तुम्हें दुनियां समझ पाए
आओ अपने ऐसे संबंधों पर विचार करें
हम-तुम पुनर्विचार करें
अपने संबंधों का फिर से विस्तार करें
थोड़ा तकरार और ज्यादा प्यार करें ।
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जो हमें और तुम्हें दुनियां समझ पाए
जवाब देंहटाएंआओ अपने ऐसे संबंधों पर विचार करें
हम-तुम पुनर्विचार करें
अपने संबंधों का फिर से विस्तार करें
फिर तो तकरार होगी ही नहीं..... सुंदर भाव