गुरुवार, 9 दिसंबर 2010

भारतीय राजदुत मीरा शंकर और अमेरिका की सुरक्षा जांच एजेंसी

4 दिसम्बर को अमेरिका के मिसीसिपी शहर के जैक्सन एयरपोर्ट पर भारतीय राजदुत मीरा शंकर के साथ सुरक्षा जांच के नाम पर बदसलूकी की गई । मिसीसिपी शहर के जैक्सन एयरपोर्ट पर मीरा शंकर के साथ यह बदसलूकी उनके साड़ी पहनने की वजह से हुई । मीरा शंकर द्वारा एयरपोर्ट अधिकारियों को अपनी पहचान बताने पर भी उनके उपर

कोई असर नहीं हुआ । मीरा शंकर डेढ़ साल से अमेरिका में भारतीय राजदुत हैं। मीरा 1973 बैच की आईएएस आफिसर हैं। मीरा शंकर के साथ अमेरिका में अपमान जनक तरीके से की गई सुरक्षा जांच कोई नई घटना नहीं है । इसके पहले भी कई भारतीय हस्तियों के साथ अमेरिका मे सुरक्षा जांच के नाम पर बदसलूकी की जाती रही है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अबुल कलाम, पूर्व रक्षामंत्री जार्ज फर्नांडीज,उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल , बाबुलाल गौड़, फिल्म अभिनेता शाहरुख खान जैसे कई लोग इन सुरक्षा जांच एजेंसियों की बदसलूकी के शिकार हुए हैं।अमेरिका में सुरक्षा जांच के लिए यह नियम

है कि अगर कोई यात्री मैटल डिटेक्टर की सुरक्षा जांच से नहीं गुजरना चाहता है तो वह अकेले में सुरक्षा जांच की मांग कर सकता है। लेकिन मीरा शंकर के साथ तो सुरक्षा एजेंसियों ने हद हीं कर दी । मीरा शंकर द्वारा सुरक्षा जांच अकेले में कराने की बात को

सुरक्षा एजेंसी ने अनसुनी कर दी,शंकर ने जांच एजेंसी को यह भी बताया कि वो अमेरिका में हीं भारतीय राजदुत हैं। लेकिन इसका भी कोई नतीजा नहीं निकला जांच एजेंसी बदसलूकी पर अड़ी रही। भारतीय मीडिया में इस खबर को तरजीह दिया गया तब जाकर मिसीसिपी शहर के गवर्नर ने इस घटनाक्रम के जांच के आदेश दे ड़ाले।इस तरह से जांच के नाम पर अमेरिका की जांच एजेंसियां इस तरह का गंदा खेल भारतीयों के साथ खेलती रहीं हैं । मिसीसिपी शहर के जैक्सन एयरपोर्ट पर जांच एजेंसियों की इस बदसलूकी से आहत मीरा शंकर ने अब कभी मिसीसिपी शहर ना जाने की बात मीडिया के सामने कह दी।भारतीय राजदुत के साथ किये गये बदसलूकी के मामले में विदेश मंत्री एस.एम.कृष्णा ने भारतीय राजदुतावास और अमेरिकी सरकार से इसकी रिपोर्ट मांगे जाने की बात कही है और माना भी है कि अमेरिका में भारतीयों के साथ ऐसा होना कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस तरह की रिपोर्टों के आदान प्रदान से अमेरिका की जांच एजेंसियां की बदसलूकियों पर लगाम नहीं लगेंगी अगर ऐसा होना होता तो पीछे की घटनाओं के बाद हीं अमेरिका की जांच एजेंसियां समझ गयी होती और आज इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति नहीं होती। या ऐसा भी हो सकता है की भारत में एयरपोर्ट पर सुरक्षा के ऐसे पुख्ता इंतजाम नही जैसे अमेरिका या अन्य देशों में हैं । ऐसे में भारतीय जांच एजेंसियों को भी सुरक्षा जांच के ऐसे पुख्ता इंतजाम की जरूरत है जिसके बाद हर आमो-खास इस तरह की जांच के दायरे से गुजरें और ऐसे में विदेशी जांच एजेंसियों द्वारा की जा रही जांच प्रक्रिया से उन्हें कोई शिकायत न हो। सुरक्षा जांच के समय भारत में कई लोग अपने रसुख का इस्तेमाल कर सुरक्षा जांच से अपने आप को बचा लेते हैं ऐसे में विदेशों में सुरक्षा जांच के वक्त उन्हें सुरक्षा जांच एजेंसियों के जांच करने के तरीके पर बुरा लगना लाजमी है।

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