ऐसा देश है मेरा के माध्यम से मैं आप तमाम पाठक से जुड़ने की भरपुर कोशिश कर रहा हूँ चूँकि मैं इस जगत में आपका नया साथी हूँ इसलिए आशा करता हूँ कलम के जरिये उभरे मेरे भावना के पुष्पों को जो मैं आपके हवाले करता हूँ उस पर अपनी प्रतिक्रिया के उपहार मुझे उपहार स्वरूप जरूर वापस करेंगे ताकि मैं आपके लिए कुछ बेहतर लिख सकूँ। ..................................आपकी टिप्पणियों की प्रतीक्षा में ...........................................आपका दोस्त """गंगेश"""
रविवार, 6 फ़रवरी 2011
आतंक राज्य
आतंकों का राज्य है,
भ्रष्टाचारी साम्राज्य है,
देश बदहाल है,
जनता दु:खहाल है,
सरकार खुशहाल है,
राजनीति का मंच है,
देश का पैसा लंच है,
नेता इसे खाकर टंच है,
ये प्रजातंत्र का अंश है,
कुर्सियों पर कंस है,
अच्छाई का अंत है,
बुराई हीं मूलमंत्र है,
धोखे का बोलबाला है,
सच्चाई का मुँह काला है,
गुंड़ों के मुँह निबाला है,
गरीबों को भोजन का लाला है,
चलती गुंड़ागर्दी है,
अत्याचारी के उपर वर्दी है,
अच्छाई हीं सरदर्दी है,
छोटों का राज है,
बुर्जुगों की न याद है,
ये बड़ा अभिशाप है,
आतंकों का राज्य है,
कुर्सियों की मार है,
लाशों की भरमार है,
लूटपाट का बाजार है,
आतंकवाद का नाम है,
गोली हीं इनाम है,
सीमा की प्यास है,
नेता की बकवास है,
भाषण हीं खास है,
राशन की न आस है,
यही आतंकों का राज्य है।
-------------------------------------------------------------------------(गंगेश कुमार ठाकुर)
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