सोमवार, 29 अगस्त 2011

क्या पता ?





क्या पता कब द्वंद थमेगा ?
क्या पता कब अशांति जमेगी?
क्या पता कब उग्रवाद भागेगा?
क्या पता कब जातिवाद हटेगा?










क्या पता कब गोलीबारी रूकेगी?
क्या पता कब खुन बहना रूकेगा?
क्या पता कब धर्म युद्ध थमेगा?
क्या पता कब अत्याचार कमेगा?
क्या पता कब शैतान सहमेगा?
क्या पता कब द्वेष मिटेगा?












क्या पता कब बेरोजगारी जायेगी?
क्या पता कब लाचारी जायेगी?
क्या पता कब भूख मिटेगी?
क्या पता कब गरीबी हटेगी?
क्या पता कब भेदभाव हटेगा?










क्या पता कब शांत हवा बहेगी?
क्या पता कब नदियों का स्वर बदलेगा?
क्या पता कब मन स्वतंत्र होगा?
क्या पता कब रिश्वतखोरी रूकेगी?
क्या पता कब चोरी और बेईमानी थमेगी?












क्या पता कब गद्दारी थमेगी?
क्या पता कब बेशर्मी थमेगी?
क्या पता कब क्रांति आयेगी?
क्या पता कब विश्वशांति आयेगी?
जो कुछ भी होगा वो होना है।
पर विश्व विध्वंसित हो जायेगा।



---------------------------------------------(गंगेश कुमार ठाकुर)



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